Zener diode क्या होता है और यह काम क्या करता है? | Zener diode kya hota hai

दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की zener diode kya hota hai. यह कैसे काम करता है? Zener diode का उपयोग कहा होता है?  मुख्य रूप से जेनर डायोड reverse bias condition पर आधारित होता है इसका काम वोल्टेज को रेगुलेट करने का होता है। 

 Zener Diode दूसरे डायोड की तुलना में काफी अलग होता है इसके काम करने का तरीका दूसरे डायोड की तुलना में विपरीत होता है। हालांकि Zener Diode का चिन्ह P-N संधि डायोड की भांति होता है लेकिन इसके बावजूद भी इनमें बहुत से तुलनात्मक तथ्य मौजूद होते हैं। चलिए अब बिना देर कीये जानते है की zener diode kya hota hai

Zener Diode क्या होता है? | Zener Diode kya hota hai

Zener Diode एक साधारण डायोड होता है जो सूक्षम  धारा को आगे की दिशा में बहने की अनुमति प्रदान करता है लेकिन यदि वोल्टेज का मान इसके ब्रेकडाउन वोल्टेज से अधिक हो जाता है तो यह धारा को उल्टी दिशा में बहने की अनुमति दे देता है। 

वहीं यदि हम इसकी परिभाषा देखे तो जेनर डायोड अधिक अप मिश्रित P-N संधि डायोड होता है जो उत्क्रम अभिनति में भंजक वोल्टता पर बिना खराब हुए निरंतर कार्य करता है उसे जेनर डायोड कहते हैं। जेनर डायोड का मुख्य रूप से प्रयोग वोल्टता रेगुलेटर के रूप में किया जाता है।  

इसकी खोज Clarence Zener ने की थी उन्हीं के नाम पर इसका नाम जेनर डायोड पड़ा यह एक Silicon Semiconductor Device है। जेनर डायोड का चिन्ह P-N junction की तरह ही होता है लेकिन इसमें एक एरो मुडा हुआ होता है जो धारा की दिशा को बताता है। 

Zener Diode कैसे काम करता है? | Working of Zener Diode

Zener Diode साधारण डायोड के बिल्कुल विपरीत कार्य करता है जहां एक और साधारण डायोड में एनोड कैथोड की ओर धारा का प्रभाव होता है वही जेनर डायोड में यह प्रभाव विपरीत होता है। 

इसमें एनोड को नेगेटिव सिरे से और कैथोड को पॉजिटिव सिरे से जोड़ा जाता है जब धारा का प्रभाव  कैथोड से एनोड की तरफ होता है तो वोल्टेज को कम किया जा सकता है। 

जेनर (भंजन ) वोल्टता किसे कहते है? 

जेनर डायोड एक निश्चित पश्च वोल्टता पर अपने में से तेजी से विद्युत का प्रभाव होने देती है निश्चित पश्च वोल्टता को जेनर (भंजन )वोल्टता कहते है। 

निश्चित वोल्टता पर तेजी से विद्युत का प्रभाव होने का कारण यह है कि जेनर डायोड में बहुत सारी अशुद्धियाँ पाई जाती है। निश्चित पश्च वोल्टता पर सहसंयोजक बंध टूटते हैं जिससे अल्पसंख्यक आवेश वाहको की संख्या में वृद्धि होती है और तेजी से धारा का मान बढ़ जाता है। 

वोल्टता नियत्रक के रूप में जेनर डायोड कैसे काम करता है? 

 जेनर डायोड को वोल्टता नियंत्रक के रूप में काम प्रयोग करने हेतु सबसे पहले एक परिपथ को तैयार करना होता है। जेनर डायोड में निवेशी वोल्टेज को एक प्रतिरोध में गुजार कर श्रेणी क्रम में संयोजित करना होता है। 

ऐसी स्थिति में जेनर डायोड उत्क्रम अभिनति में काम करता है ऐसी स्थिति में निवेश ही वोल्टता के मान में वृद्धि होने पर धारा का मान बढ़ जाता है।

जब परिपथ के अंदर वोल्टता का मान जेनर वोल्टता से अधिक हो जाता है तो उस स्थिति में वह भंजक की श्रेणी में आ जाता है और इससे जेनर डायोड की वोल्टता समान रहती है लेकिन निवेशी वोल्टता के मान में वृद्धि हो जाती है। 

निवेशी वोल्टता के मान में वृद्धि होने पर धारा के मान  में कमी हो जाती है। उपयुक्त तथ्यों के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि निवेशी वोल्टता के मान में कमि या वृद्धि करने पर जेनर वोल्टता में बिना परिवर्तन के प्रतिरोध R के सिरों पर वोल्टता में कमी या वृद्वि हो जाती है। 

Zener Diode के उपयोग | जेनर डायोड के उपयोग in hindi

जेनर डायोड का मुख्य रूप से प्रयोग वोल्टता नियंत्रक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा भी जेनर डायोड के बहुत सारे उपयोग हैं तथा जेनर डायोड का चित्र भी आपको नीचे देखने को मिल जाएगा।

  1. जेनर डायोड का उपयोग वोल्टेज संदर्भ, शंट नियामक में वोल्टता को नियंत्रित करने में किया जाता है। 
  2. इस डायोड का उपयोग तरंग को Clip करने में किया जाता है। 
  3. जेनर डायोड का प्रयोग Voltage Shifter में किया जाता है क्योंकि जब किसी सर्किट में जेनर डायोड को प्रतिरोध के साथ लगाने पर वह वोल्टेज शिफ्टर की भांति व्यवहार करता है। 

Zener Diode की संरचना 

Zener diode क्या होता है और यह काम क्या करता है? | Zener diode kya hota hai
zener diode kya hota hai

 जेनर डायोड का निर्माण जर्मेनियम अथवा सिलिकॉन अर्धचालकों से किया जाता है। इसके P क्षेत्र में ग्राही तथा N क्षेत्र में दाता अशुद्धियो का अधिक मात्रा में अपमिश्रण होता है। 

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Zener प्रभाव क्या होता है? 

Zener प्रभाव एक तरह से Breakdown होता है जो P-N जंक्शन में घटित होता है। P तथा N पदार्थों के उच्च मात्रा में डोपित होने के कारण सुचालक की भांति व्यवहार करने लग जाते हैं। 

 जिस वजह से अवक्षय परत पतली हो जाती है लेकिन इसकी वजह से अवक्षय परत के आसपास विद्युत क्षेत्र काफी मजबूत हो जाता है जिसके कारण कम वोल्टेज पर भी Holes or Electrons अवक्षय परत को पार कर जाते हैं और एक दूसरे के साथ संयोजित हो जाते हैं। 

इसके फलस्वरूप Reverse Current उत्पन्न होता है अतः इस पूरी प्रक्रिया को Zener प्रभाव कहा जाता है। 

Conclusion 

तो उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी zener diode kya hota hai समझ में आ गई होगी लेकिन फिर भी यदि इससे संबंधित आपका कोई भी सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम से पूछ सकते हैं। 

FAQ’s

Q.1 जेनर डायोड क्या है वोल्टता नियंत्रक में इसका प्रयोग का वर्णन करें?

Ans: जेनर डायोड अधिक अप मिश्रित P-N संधि डायोड होता है जो उत्क्रम अभिनति में भंजक वोल्टता पर बिना खराब हुए निरंतर कार्य करता है।जेनर डायोड वोल्टता नियंत्रक के रूप में किस तरह कार्य करता है इसके बारे में इस पोस्ट में पूरी डिटेल से बताया गया है आप वहां से जानकारी ले सकते हैं। 

Q.2 जेनर डायोड कैसे चेक करते हैं? 

Ans: जेनर डायोड का निर्माण जर्मेनियम अथवा सिलिकॉन अर्धचालकों से किया जाता है अगर डायोड  silicon डायोड है और वह पूरी तरह से सही है तो multimeter 0.5 से 0.7 Volts के बीच reading show करेगा।अगर डायोड germanium डायोड है तो multimeter की reading 0.2 to 0.3 के बीच प्रदर्शित की जाएगी। 

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