ऐसा कहा जाता था कि विश्व में सबसे मुश्किल भारतीय Tax व्यवस्था को समझना है। लेकिन 1 जुलाई 2017 को भारत सरकार ने GST को लागू करके Tax व्यवस्था को कुछ Slabs में बांट दिया और यह Tax व्यवस्था आसान हो गई। आज के समय यदि कोई व्यक्ति एक बड़ा व्यापार करता है तो उसे GSTIN Number की आवश्यकता होती है। क्या आप जानते हैं कि यह GSTIN Number Kya hota hai?
यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं, क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि GSTIN Kya hai? GST Format kya hai? यह किस प्रकार बना होता है? यह Number कैसे प्राप्त किया जा सकता है, इसका उपयोग किया है, और GST से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में हम आपको आज के लेख में जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं-
Table of Contents
GSTIN ka full form kya hai?
दोस्तों, GSTIN ka full form Goods and Service Tax Identification Number होता है, और ‘उत्पाद व सेवा कर पहचान संख्या’ होती है।
यह एक 15 संख्याओं का नंबर होता है जो GSTIN अकाउंट को Represent करता है।
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GSTIN नंबर क्या है? | gSTIN number kya hota hai in hindi
दोस्तों, GSTIN एक 15 अंकों की संख्या होती है, जिसे मुख्य तौर पर किसी एक व्यापारी के लिए या व्यापार के लिए Register किया जाता है। किसी भी बड़े व्यापार को भारत में लोगों तक अपनी सेवाएं या प्रोडक्ट पहुंचाने के लिए GSTIN से Registered होना आवश्यक है।
अब हम समझते हैं कि GSTIN क्या होता है? दोस्तों, GSTIN Number को समझाने के लिए हम आपको आसान भाषा में इसका आशय बताते हैं-
भारत में जब कोई बड़ा व्यापार शुरू क्या जाता है, या किसी व्यापार से अत्यधिक मुनाफा होता है, तब वह व्यापार भारत सरकार के Tax सिस्टम के द्वारा भी नियंत्रित किया जाता है। यह आमतौर पर 2017 से एक समान Tax के रूप में पूरे देश में लागू हो चुका है, जिसे GST (Goods and Service Tax) कहा जाता है।
इसलिए जब भी कोई बड़ा व्यापार अपने ग्राहकों को कोई समान यह सर्विस बेचता है, तो उसे अपनी सर्विस / उत्पाद के बेचने की रसीद पर GSTIN Number दिखाना जरूरी होता है। जहां से भारत सरकार सीधे तौर पर उस राशी से एक निश्चित राशी का टैक्स काटती है, और यह कैसे सीधे भारत सरकार के खजाने में जाता है।
आज के समय भारत में हर व्यापारी को GSTIN Number से Register होना जरूरी नहीं है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति का व्यापार बड़ा है, जैसे की गहनों का शोरूम, सुपर मॉल, सुपर मार्केट, कोई बड़ी इंडस्ट्री, तो ऐसे व्यापारियों को अपना सामान और सुविधा लोगों तक पहुंचाने के बाद पैसे लेते समय जो रसीद ग्राहकों को दी जाती है, उसमे व्यापारी ग्राहक को बताता है कि सामान के साथ-साथ उसे कितना प्रतिशत GST देना होगा।
हालांकि GST मूल तौर पर किसी भी समान के बल्क ऑर्डर पर, या महंगे सामानों के आयात-निर्यात पर लगाया जाता है, लेकिन आज के समय यदि आप एक सेव भी खाते हैं, तो उस पर भी कहीं ना कहीं से GST लग चुका होता है। उमीद है की अब आप समझ गए होंगे की GSTIN kya hai.
GSTIN नंबर किस प्रकार बना होता है? | GSTIN Format Kya hai?
दोस्तों, GSTIN Number एक 15 अंकों का Number होता है, जिसमें
पहले 2 अंक
किसी भी राज्य के बारे में जानकारी देते हैं। भारत में आज के समय कुल 35 ऐसे स्थान है जिन्हें हम राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जानते हैं। जिसमें 01 Number जम्मू और कश्मीर के लिए है।
02 Number हिमाचल प्रदेश के लिए है। 03 Number पंजाब के लिए है। 04 चंडीगढ़ के लिए है। 05 उत्तराखंड के लिए है।
इसी प्रकार हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, दमन एवं दीव, दादरा एवं नागर हवेली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पांडिचेरी, तथा अंडमान और निकोबार के लिए 35 Number निर्धारित है।
3 और 12वें अंक
पहले 2 अंकों के बाद में 3 और 12वें अंक के बीच में जो 10 अंकों की संख्या होती है वह व्यापारी के पैन कार्ड Number को दर्शाता है।
13वीं संख्या
13वीं संख्या उस व्यक्ति के बिजनेस Number को दर्शाती है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति के पास में केवल एक व्यापार रजिस्टर्ड है, तो उसे 1 Number मिलेगा, 2 व्यापार रजिस्टर्ड है, तो उसे पहले के लिए 1, और दूसरे व्यापार के लिए 2 Number मिलेगा।
इसी प्रकार यदि किसी व्यापारी के द्वारा Register किए जाने वाले व्यापार की संख्या 9 से अधिक हो जाती है, या 1 अंक से अधिक हो जाती है, तो इसकी गिनती अंकों की बजाय अंग्रेजी अल्फाबेट से शुरू हो जाती है।
यानि कि यदि किसी व्यक्ति ने 10 व्यापार Register करवाएं हैं तो उसके 10 में व्यापार को A Number दिया जाएगा।
14वां अंक
14वां अंक सभी लोगों को Z के रूप में मिलता है जो भविष्य के प्रयोग में लिए जाने के लिए रखा गया है।
इसी के साथ GSTIN में जो 15वां अंक होता है वह चेकसम कोड होता है। यह Number Computer Identification में काम आता है।
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कुछ राज्यों के GSTIN Number
GSTIN के पहले दो डिजिट (First two digit in GSTIN) | व्यवसाय से संबंधित राज्य का नाम (Name Of business Related State) |
01 | जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and Kashmir) |
02 | हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh) |
03 | पंजाब ( Punjab) |
04 | चंडीगढ़ ( Chandigarh) |
05 | उत्तराखण्ड (Uttarakhand) |
06 | हरियाणा (Haryana) |
07 | दिल्ली (Delhi) |
08 | राजस्थान (Rajasthan) |
09 | उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) |
10 | बिहार (Bihar) |
11 | सिक्किम ( Sikkim) |
12 | अरुणाचल प्रदेश ( Arunachal Pradesh) |
13 | नागालैंड (Nagaland) |
14 | मणिपुर (Manipur) |
15 | मिजोरम (Mizoram) |
16 | त्रिपुरा (Tripura) |
17 | मेघालय (Meghalaya) |
18 | असम (Assam) |
19 | पश्चिम बंगाल (West Bengal) |
20 | झारखण्ड (Jharkhand) |
21 | उडीसा (Orissa) |
22 | छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) |
23 | मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) |
24 | गुजरात (Gujarat) |
25 | दमण एवं दीव (Daman and Diu) |
26 | दादर एवं नगर हवेली (Dadra and Nagar Haveli) |
27 | महाराष्ट्र (Maharashtra) |
28 | आंध्रप्रदेश(Andhra Pradesh) |
29 | कर्नाटक (Karnataka) |
30 | गोवा (Goa) |
31 | लक्षद्वीप (Lakshdweep) |
32 | केरल (Kerala) |
33 | तमिलनाडु (Tamil Nadu) |
34 | पांडिचेरी (Pondicherry) |
35 | अंडमान- निकोबार (Andaman and Nicobar) |
GSTIN Number कैसे प्राप्त करें? | How to get GSTIN Number in Hindi
यदि आप भी अपने व्यापार के लिए GSTIN Number अप्लाइ करना चाहते हैं, तो इसके लिए-
- सबसे पहले आपको GST के पोर्टल पर जाना होगा।
- इसके बाद में आपको Form-A भरना होगा, जिसे भरने के लिए आपको आम तौर पर अपने पैन कार्ड, मोबाइल Number, और ईमेल आईडी की आवश्यकता होगी।
- इसके पश्चात आपका GST verification एक OTP के माध्यम से किया जाएगा।
- इसके के पश्चात आपको अपने आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन माध्यम से ही अपलोड करना होगा।
- इसके बाद में आपको एक Number Allot किया जाएगा। जिसके अंतर्गत आपके आवेदन को एक संख्या मिल जाती है।
- अब GST का अधिकारी आपके दस्तावेजों को जांचना शुरू कर देता है।
- यह कार्य एक GST अधिकारी 3 दिनों के अंदर कर लेता है, और इन 3 दिनों में वह आपके आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करता है।
- यदि किसी कारणों से GST अधिकारी आपके आवेदन को अस्वीकार करता है, तो उसका स्पष्टीकरण भी आपको उसी के साथ देता है।
- आपका GSTIN Number आवेदन स्वीकार होने के पश्चात आपको GSTIN Number allot कर दिया जाता है।
GSTIN के उपयोग | Benefits of GSTIN
- GST के नेटवर्क पर सभी GSTIN Number जुड़े होते हैं। इसकी वजह से जब भी किसी Account के आगे कोई सूचना दर्ज करी जाती है, तो Account Owner को तुरंत पता चल जाता है।
- किसी सामान के खरीद फरोख्त में GSTIN Number केवल एक बार दर्ज किया जाता है, और बार-बार वसूला नहीं जाता।
- यदि कभी किसी सौदा के दौरान अकाउंट Number गलत दर्ज हो तो उसमें सुधार करने का विकल्प भी होता है।
- वस्तुओं की खरीद फरोख्त पर आपके Tax के बारे में जानकारी आपके अकाउंट में दिख जाती है, आपको अलग से मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती है।
- यह पूरे Tax सिस्टम को पारदर्शी करने का काम करता है, और इसके परिणाम काफी बेहतर है।
GSTIN और GSTN में अंतर | GSTIN aur GSTN me antar
दोस्तों, GSTIN तथा GSTN में काफी साधारण अंतर है।
GSTIN हमने आपको ऊपर बताया है कि किसी भी सौदे के दौरान हुई खरीद-फरोख्त के लिए रिकॉर्ड की जाने वाली Tax की जानकारी GSTIN अकाउंट में दर्ज की जाती है। यह एक अकाउंट Number होता है जो Tax जमा करने की जानकारी रखता है।
ऐसे ही अकाउंट पूरे भारत में करोड़ों की संख्या में है, तथा वह सभी अकाउंट Number एक नेटवर्क के अंतर्गत जोड़े गए हैं, जिसे GSTN कहा जाता है।
GSTN एक प्रकार से GSTIN पर एक सुपरविजन अथॉरिटी होती है, जो ऑनलाइन GST तथा उससे जुड़े सौदों को कंट्रोल करने का काम करती है।
आपने क्या सीखा
आज के लेख में हमने जाना कि GSTIN number kya hota hai, GSTIN का फूल फॉर्म तथा जीएसटी नंबर कैसे प्राप्त करें, इसी के साथ हमने GST से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां भी आपको प्रदान करें। हम आशा करते हैं कि आज का यह लेख आपके लिए मददगार होगा। यदि आप कोई सवाल पूछना चाहते तो कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है।
FAQ’s
गस्टिन कैसे बनता है?
GSTIN बनाने के लिए आपको अनलाइन अप्लाइ करना होगा या आप अपने पास के किसी ऐसे इंसान से संपर्क कर सकते है जो Income Tax का काम करता हो वैसे मैंने इस पोस्ट मे भी बताया है की आप अनलाइन कैसे अप्लाइ कर सकते है।
गस्टिन नंबर क्या है और आप इसे कैसे प्राप्त करते हैं?
GSTIN 15 संख्या का एक Goods and Services Tax Identification Number होता है जो की राज्य के टैक्स अथॉरिटी के द्वारा दिया जाता है।
टिन नंबर और जीएसटी नंबर में क्या अंतर है?
जब से जीएसटी लागू हुआ है उसके बाद से VAT, Service Tax जैसे इन्डरेक्ट टैक्स नहीं लगते है अब सिर्फ जीएसटी ही लगती है। और जबसे जीएसटी लागू हुआ है TIN के स्थान पर भी सिर्फ जीएसटी का ही इस्तेमाल किया जाता है।
खरीदार की जीएसटी पहचान संख्या क्या है
अगर आपको खरीदारी की जीएसटी पहचान संख्या देखनी हो तो आप इसे उस बिल पर देख सकते है वह पर आपको एक 15 अंकों की एक संख्या दिखाई देगी।