जाने IPO Allotment क्या होता है और IPO Allot करने का प्रोसेस क्या होता है? IPO Allotment Kya Hota Hai

आज के इस पोस्ट मे हम बात करेंगे की ipo allotment kya hota hai और आईपीओ allot कैसे होता है ये सब कुछ हम आपको इसी पोस्ट मे बताने वाले है इसलिए इस पोस्ट मे लास्ट तक बने रहे और इस पोस्ट से आईपीओ के बारे मे ज्ञान अर्जित करे।

IPO Allotment क्या होता है? | IPO Allotment Kya Hota Hai

जब भी कोई कंपनी अपनी आईपीओ announce करती है तो अलग अलग केटेगरी के investors शेयर लेने के लिए अप्लाइ करते है। Apply करने के बाद जब investors को कंपनी के द्वारा शेयर उन investors के Trading Account मे क्रेडिट हो जाती है तो इसी को IPO Allotment कहा जाता है।

अगर सीधे तरीके से बोलू को जीतने भी आईपीओ के लिए आप BID करते है और वो आपको मिल जाती है तो इसी को IPO Allotment कहते है।

आइए अब ये भी जान लेते है की आईपीओ अलॉटमेंट होता कैसे है और उसका प्रोसेस क्या होता है।

IPO Allot कैसे होता है? | IPO Allot Kaise Hota Hai

जब आईपीओ लाया जाता है तो उसमे तीन केटेगरी होती है वो केटेगरी आपको नीचे देखने को मिल जाएंगी।

  1. Retail इस केटेगरी मे छोटे छोटे investor आते है जैसे की आम पब्लिक हो गई। आईपीओ के हिसाब से जो लोग 2 लाख से कम पैसा लगाते है उनको Retail Investor बोला जाता है।
  2. Non-Institutional Investor (HNI) जो लोग 2 लाख से ज्यादे आईपीओ मे invest करते है जैसे की कोई Individual Investor हो, NRI या HUF कंपनी हो इनको आईपीओ non-Institutional केटेगरी मे रखती है इसमे 2 लाख से ज्यादे की बीड लगानी होती है।
  3. Qualified Institutional Buyer – ये वो लोग होते है जो बड़े लेवल पर पैसा लगाते है जैसे की कोई Mutual fund, Pension Funds, Provident Funds की कंपनी हो या फिर Insurance Company हो ये लोग लम-सम (ज्यादे) मे पैसा लगते है इसलिए ये Qualified Institutional Investor के केटेगरी मे आते है

IPO Division कैसे किया जाता है?

इन तीनों लोगों मे आईपीओ का डिविशन होता है जो की SEBI ने decide किया है इसलिए आईपीओ के जीतने भी शेयर अलोट किए जाते है उसमे से डिविशन कुछ इस तरीके से होता है।

Retail Buyer को 35% Quota रखा जाता है।

Non-Institutional Investors (NII) को 15% Quota रखा जाता है।

Qualified Institutional Buyer (QIB) को 50% Quota रखा जाता है।  

इन तरीके से टोटल आईपीओ का डिविशन होता है।

अब बात करते है की अगर आईपीओ पूरा subscribe नहीं होता है या थोड़ा बच जाता है तो इस केस मे क्या होता है?

अगर कोई भी आईपीओ 90% से कम subscribe होता है तो उस कंपनी की आईपीओ कैन्सल हो जाती है और सबको उनका पैसा वापस कर दिया जाता है। और अगर 90% तक या उस से अधिक आईपीओ subscribe होता है तो जिन जिन लोगों ने आईपीओ के लिए अप्लाइ किया होता है उनको आईपीओ मिल जाता है।

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IPO का मतलब क्या होता है और इसको लेने के क्या फायदे है जाने पूरी जानकारी हिन्दी मे।

IPO Over Subscribed क्या होता है? | IPO Oversubscribed kya hota hai

कोई भी कंपनी जब अपना आईपीओ लाती है तो वो जितनी quantity मे शेयर लेकर आती है अगर उस से ज्यादे शेयर लेने वालों की बीड आ जाती है तो उसी को IPO Over Subscribed बोल जाता है।  

IPO Over Subscribed हो जाए तो IPO कैसे मिलेगा?

मान लीजिए कोई कंपनी आईपीओ ला रही है 1 करोड़ शेयर की और लॉट साइज़ 10 का रखा गया है। यहा लॉट का मतलब ये होता है की Bundle of Share.

जैसे की 10 शेयर का 1 लॉट मान लेते है, तो इस केस मे आप कम से कम एक लॉट ले सकते है मतलब की 10 शेयर और अगर आप 10 से ज्यादे शेयर लेना चाहते है तो आपको 2 लॉट लेने पड़ेंगे याकी की 20 शेयर लेने पड़ेंगे।

टोटल शेयर – 1 करोड़ शेयर

Lot Size – 100

Total Lots – 100000 (1 लाख लॉट)

Retail Buyer को Share कैसे मिलता है?

अब थोड़ा ये समझ लेते है की रीटेल को शेयर कैसे दिया जाता है Retail Portion 35% – यानि की 35000 लॉट।

तो अगर कंपनी 1 करोड़ शेयर लेकर आ रही है तो इसका मतलब ये हुआ की उसके पास 1 लाख लॉट है अब इसमे से 35% यानि की 35000 Lot Retail के लिए allot होंगे।

तो इस केस मे जीतने भी लोग Share Below Cutt-Off या Upper Limit के लिए Agree नहीं करते है उनका आईपीओ का application तुरंत reject कर दिया जाता है।

उसके बाद जीतने लॉट कंपनी के पास Retail के लिए है वो उनको उनके bid के अनुसार अलोट करती है जिन्होंने आईपीओ खरीदते समय Cutt-Off के ऑप्शन मे टिक लगाकर Agree कर दिए होते है।

अब अगर Retail मे IPO Over Subscribed हो जाता है तो इस केस मे कंपनी सबसे पहले सभी retail buyer को एक एक लॉट देती है और बाकी बचे हुवे लॉट को वो वो सभी retails buyers को proportionally बाट देती है।

अब एक और केस हो सकता है अगर टोटल lot 35 हजार है और application ज्यादे आ जाती है की हर एक लोगों को एक एक लॉट देना भी मुस्किल हो जाता है तो इस केस मे कंपनी लोटरी सिस्टम use करती है और हर application को maximum एक Lot ही मिलता है।

यहा लॉट मिलन किस्मत का खेल हो जाता है क्युकी लॉट की quantity से ज्यादे application आ जाते है।

Non-Institutional Investor को Lot कैसे Allot होती है?

इस केस मे जब ऐप्लकैशन oversubscribed हो जाता है तो वो Lots, proportionally सबको अलोट किए जाते है। यानि की जितनी शेयर के लिए आपने apply किया था उनको oversubscribed किए गए नंबर से किया है उस से भाग कर दिया जाता है।

मान लीजिए की आपने अपने लिए 1000 शेयर की bid लगाई है टोटल शेयर 35000 ही Non-Institutional Investor के लिए है और ऐप्लकैशन 140000 आ जाते है और तो इस केस मे 4x ऐप्लकैशन आई है तो इस केस मे 1000/4 = 240 शेयर ही मिलेंगे।

शेयर अलोट होने के 7 दिन के अंदर वो share stock exchange मे list हो जाता है

Conclusion | IPO Allotment Kya Hota Hai

तो ये था आज का ब्लॉग जिसमे हुमने ये जाना की IPO Allotment Kya Hota Hai उमीद है की आपको ये पोस्ट पसंद आया होगा अगर इसमे आप को किसी भी प्रकार का डाउट हो तो  आप हमसे comment करके पूछ सकते है।

इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे जो आईपीओ के बारे मे जानकारी लेना चाहते हो इस से उनकी और हमारी दोनों की मदद होगी। इस पोस्ट को यही समाप्त करते है और मिलते है आपसे किसी और न्यू पोस्ट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

FAQ’s of IPO Allotment Kya Hota Hai

कौन कौन से आईपीओ आने वाले हैं?

ये कुछ आईपीओ है जो आने वाले समय मे लॉन्च होने वाले है आप इनको चाहे तो ले सकते है
Penna Cements
Fincare Small Finance Bank
Sterlite Power
Bajaj Energy
Delhivery
LIC
Adani Wilmar
MobiKwik
Ixigo
OYO
Pharm Easy
Ola
Byju’s
Go Airlines
NSE
Studds Accessories
Swiggy
SBI Mutual Fund

आईपीओ कैसे खरीदा जाता है?

आप Upstox या Angel Broking Application की मदद से आईपीओ खरीद सकते है पूरा प्रोसेस जानने के लिए आप हमारी पोस्ट को पढ़ सकते है वहाऊ मैंने डीटेल मे समझाया है।

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